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Saturday, September 25, 2021

किस्मत बदल जायेगी केवल 20 मिनट में: Sandeep Maheshwari Motivational Story

 एक शहर में गीता कॉलोनी नाम की एक कॉलोनी थी। उस कॉलोनी में कई फ्लैट बने हुए थे और कुछ अमीर लोगों के बंगले भी थे। उसी में एक छोटे से फ्लैट में एक गरीब सा परिवार रहता था। ठीक उसी गरीब परिवार के फ्लैट के सामने एक अमीर परिवार का बड़ा आलीशान सा बंगला था।


किस्मत बदल जायेगी केवल 20 मिनट में: Sandeep Maheshwari Motivational Story
photo source: google images



बड़ी मर्सिडीस गाड़ियां थीं, नौकर चाकर थे। गरीब परिवार में एक छोटा बच्चा था उसके पापा रोज उसे स्कूटर पर स्कूल छोड़ने जाते थे। वो बच्चा जब उस बंगले की तरफ देखता तो सोचता काश हमारा भी ऐसा ही घर होता। उस अमीर परिवार में भी एक बच्चा था, जब वो बच्चा बड़ी सी कार में स्कूल जाता और उसका ड्राइवर उसको स्कूल छोड़ने जाता तो वो गरीब बच्चा सोचता काश हम भी अमीर होते।

जब वो गरीब बच्चा उस अमीर बच्चे को देखता तो सोचता यार मेरी किस्मत कितनी खराब है,, उस लड़के की किस्मत कितनी अच्छी है


अब कहानी में थोड़ा सा रोमांचक मोड़ आता है, रोजाना शाम को कॉलोनी के सभी घरों के बच्चे इकट्ठे होकर आपस में खेल खेलते हैं, कभी क्रिकेट खेलते हैं तो कभी पकड़म पकड़ाई। पूरी शाम कॉलोनी के बच्चे खूब मजे करते हैं।

लेकिन उस अमीर घर के बच्चे को कहीं भी जाना allow नहीं है। सबसे पहले तो सिक्योरिटी का डर, आखिर अमीर घर का बच्चा है कोई अपहरण कर सकता है। दूसरा अमीर लोगों का एटीट्यूट होता है कि इन सब लोगों से हम अमीर हैं तो हम इनके साथ नहीं रहेंगे। इसलिए उस बच्चे के घर से बाहर जाने पर पाबन्दी थी।


अब वो बच्चा रोजाना शाम को अपने बंगले की छत पर खड़ा होकर उन कॉलोनी के सभी बच्चों को मस्ती करते देखता तो उसकी आखों में आंसू आ जाते। वो भी आजादी चाहता था, वो भी उन बच्चों के साथ खेलना चाहता था।

उस बच्चे के घर में हजारों खिलौने थे लेकिन उसके साथ खेलने वाला कोई नहीं था। पिताजी बिजनिस में बीजी रहते थे और मम्मी भी पार्टी और अपनी सहेलियों में बीजी रहती थी। अब बड़े से बंगले और कई नौकर चाकर होने पर भी वो लड़का खुद को अकेला और बदनसीब महसूस करता था।

वो बच्चा सोचता कि मेरी किस्मत कितनी खराब है कि मैं बच्चों के साथ खेल नहीं सकता,, काश मैं गरीब ही होता, कम से कम कहीं भी घूमने की आजादी तो होती, बच्चों और दोस्तों के साथ मस्ती तो करता।


ब आप ही बताइये कौन से बच्चे की किस्मत अच्छी है और कौन से बच्चे की खराब??…….

दोस्तों दरअसल किस्मत दोनों ही बच्चों की अच्छी है और दोनों की ही खराब है।

सब नजरिये का खेल है। आपको सिर्फ यही समझने की जरुरत है। जो चीज़ हमारे पास नहीं होती अगर हम उसके बारे में सोचें तो हमें अपनी किस्मत बुरी दिखाई देगी और वहीँ अगर हमारे पास जो है उसके बारे में सोचें तो किस्मत अच्छी दिखाई देने लगेगी।

दूसरों से आगे निकलने की होड़ में हम खुद अपनी किस्मत को बुरा मानते चले आते हैं जबकि आप जिस व्यक्ति से आगे निकलना चाहते हैं वो खुद किसी और वजह से अपनी किस्मत को बुरा मान रहा होता है।


एक छोटी चिड़िया तालाब के ऊपर से उड़ रही थी। उसने देखा कि मछली तालाब में तैर रही है बस तभी उसे लगा ये मछली तैर सकती है लेकिन मैं नहीं तैर सकती,, उफ्फ मेरी किस्मत ही खराब है।

बस यही हो रहा है आज कल…आपकी किस्मत आपके नजरिये पर निर्भर करती है। जो चीजें आपके पास नहीं हैं अगर आप हमेशा उनके बारे में सोचेंगे तो जिंदगी भर बदकिस्मत ही बने रहेंगे।

अगर आप हमेशा अपनी बीवी की बुराइयों पर ध्यान देंगे तो पक्का आप यही सोचेंगे मेरी किस्मत ही खराब है जो ऐसी बीवी मिली लेकिन अगर आप हमेशा अपनी बीवी की अच्छाइयों पर ध्यान देंगे तो आपको लगने लगेगा मेरी किस्मत कितनी अच्छी है। ये सिर्फ कहने की बात नहीं है, आजमा के देखिये फिर आप खुद जान जायेंगे।


आपकी किस्मत आपके हाथ में है। हर परिस्थिति के दो पहलू होते हैं – सकारात्मक और नकारात्मक,, अगर आप सकारात्मक नजरिये से देखेंगे तो किस्मत अच्छी दिखाई देगी और नकारात्मक नजरिये से देखेंगे तो किस्मत बुरी ही दिखाई देगी।


हमें आशा है कि ये स्टोरी ​आप सबके नजरिये को बदलने में बड़ी मदद करेगा और जैसे ही नजरिया बदला बस आपकी किस्मत भी उसी पर बदल जायेगी

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