आज टिकू के छुटटी का दिन था और वह अपनी माँ को बहुत जयादा परेशान कर रहा था | उसकी माँ सुनीता जी एक बुक पढ़ रही थी , लेकिन टिंकू बार – बार उनको परेशान करता रहता था | टिंकू का दिमाग बहुत ही तेज था और वह हमेशा कुछ न कुछ किया करता था | आज वह अपनी माँ से बहुत ही ज्यादा सवाल कर रहा था – माँ ये क्या है , कैसे बनता है ?
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उसकी माँ बहुत ही ध्यान से किताब पढ़ रही थी लेकिन उसके बार – बार सवाल पूछने पर वह परेशान हो जा रही थी | उन्होंने ने सोच इसको कैसे बिजी करू , तभी पास मे रखे एक बुक पर उनकी नजर गयी और उन्होंने बुक को उठा कर देखा तो उस पर एक नक्शा बना हुवा था | उन्होंने उस नक़्शे को कई भाग मे फाड़ दिया और टिंकू को बुलया और बोला टिंकू तुमको एक काम करना है अभी | टिंकू बहुत ही खुश हुवा और बोला माँ बताओ क्या काम करना है , उसकी माँ ने बोला – तुमको यह फटा हुवा नक्शा फिर से जोड़ना है , क्या तुम यह कर पावोगे | टिंकू बोला हा माँ मे कर लूँगा , लेकिन उसकी माँ को पता था की वह यह जोड़ नहीं पायेगा और इसी बहाने वह बिजी रहेगा और मे आराम से अपना बुक पढ़ लूंगी |
उसकी माँ बुक फिर से पढने लगी और टिकू भी अपने काम मे लग गया , लेकिन ये क्या दस मिनट बाद टिंकू फिर आ गया और बोला माँ देखो मैंने नक्शा को जोड़ दिया | उसकी माँ ने बोला सही से किया है न , बोला हा माँ सही है , आप देख लो | जब उसकी माँ ने देखा तो नक्शा एकदम सही जगह पर पर था और एक दम सही जुड़ गया था , यह देख टिंकू की माँ बहुत ही हैरान हो गयी और बोली बेटा आप ने यह कैसे जोड़ा है | तो टिंकू ने बोला माँ जो नक्शा आप ने दिया था , उसके पीछे एक कार्टून था और मैंने उस कार्टून को देख कर जोड़ दिया | यह सुनकर उसकी माँ बहुत ही खुश हो गयी और वह समझ गयी की उसका बेटा बहुत ही चालक है |
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